मित्रो एक समय हुआ करता था जब हम किसी को स्टेशन छोड़ने जाते थे तो हमारी आंखें भर आती थी और आज वह दौर आ गया है कि आज शमशान में खड़े होकर लोग मुस्कुराते और गप्पे हफ्ते नजर आते हैं आज इस दुनिया में आना और जाना भी महंगा हो गया है सिजेरियन के बिना कोई आता नहीं और वेंटीलेटर के बिना कोई जाता नहीं आज इस दुनिया में एक सच्चा और अच्छे इंसान की पहचान मुश्किल हो गई है और हो भी तो कैसे दोनों ही नकली है क्या आंसू और क्या मुस्कान जय श्री राम